अधिकारियों की मिलीभगत से कैश बुक ऑडिट के नाम पर हो रही है प्रतिदिन लाखों की वसूली

 


प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों को राज्य शिक्षा केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध कराई गई राशियों की वर्ष में एक बार लेखा बंदी ऑडिट होती है। यह ऑडिट नाम मात्र की होती है। 


संस्था प्रमुखों द्वारा कैशबुक के साथ जो भी बिल-व्हाउचर लगाए जाते हैं वह 70% फर्जी होते हैं। अच्छी खासी रकम ले दे कर के ऑडिटरो द्वारा कैश बुक में सील मोहर लगाकर ओके कर दिया जाता है। 


नईगढ़ी विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय में पदस्थ एक सहायक ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि आज नईगढ़ी बी.आर.सी कार्यालय में जिला शिक्षा केंद्र रीवा के माध्यम से कैश बुको की जांच करने हेतु ऑडिट टीम आई हुई थी। संबंधित बी.आर.सी.सी द्वारा प्रत्येक प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय से ₹500-500 की दर से राशि वसूली गई है। कुल मिलाकर लगभग 80 से 90 हजार रुपए आज वसूले गए हैं। 


जब संबंधित व्यक्ति ने वीआरसीसी को राशि देने से मना किया कहां गया कि इसका पूरा हिस्सा वरिष्ठ कार्यालय जिला स्तर तक जाता है। अर्थात जिला कार्यालय के मिलीभगत से यह पूरा खेल खेला जा रहा है। उक्त व्यक्ति ने कार्यालय में बैठकर एक वीडियो भी बनाया है। 


यही कारण है कि स्कूलों में इन राशियों की कोई लेखा-जोखा और उपयोगिता नहीं होती है मात्र आडिट टीम को पटाकर एक सत्र की राशि संस्था प्रमुखों द्वारा हजम कर ली जाती है।


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