कश्मीर में सैनिकों की मौजूदगी पर सवाल पूछ घिर गया पाकिस्तान, भारत ने दिया करारा जवाब

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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान बुरी तरह बौखलाया हुआ है। भारत सरकार के इस कदम पर वह कश्मीर को लेकर पूरी दुनिया में झूठ फैलाने की कोशिश कर रहा है। उसके द्वारा फैलाए जा रहे झूठ को भले ही वैश्विक समुदाय सुनने को तैयार नहीं, लेकिन वह अपनी करतूत से बाज नहीं आ रहा। इसी कड़ी में युगांडा में आयोजित 64वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन की आम सभा के दौरान पाकिस्तानी संसदीय शिष्टमंडल ने कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारतीय सैनिक बलों ने कश्मीर को बंधक बनाया हुआ है।



भारत ने दिया करारा जवाब
भारतीय संसदीय शिष्टमंडल की सदस्य और बीजेपी नेता रूपा गांगुली ने इस पाकिस्तानी दुष्प्रचार का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि सैनिक शासन की परंपरा पाकिस्तान में व्याप्त है। गांगुली ने कहा कि पाकिस्तान 33 साल सेना के शासन में रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में सैनिक शासन कभी भी और कहीं भी नही रहा है। लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, 'सांसद रूपा गांगुली और भारतीय संसद के अन्य प्रतिनिधियों ने पाकिस्तान के प्रॉपेगैंडा का कड़ा विरोध किया।' भारतीय प्रतिनिधिनमंडल की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कर रहे थे।

22 से 29 सितंबर तक है सम्मेलन
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में भारतीय संसदीय शिष्टमंडल 22 से 29 सितंबर, 2019 तक कम्पाला, युगांडा में आयोजित किए जा रहे 64वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में भाग ले रहा है। इस शिष्टमंडल में कांग्रेस के लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी, बीजेपी की राज्य सभा सांसद रूपा गांगुली, राज्य सभा सांसद डॉ॰ एल हनुमंथैया, लोकसभा सांसद अपराजिता सारंगी और लोक सभा की महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव शामिल हैं। भारत की ओर से राज्य विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारी और सचिव, जो राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के सदस्य भी है, इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। (ANI इनपुट्स के साथ)


 


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