मंदी और भारी चालान के बीच एक और झटके के लिये हो जाइए तैयार !

मंदी और भारी चालान का सामना कर रहे देश वासियों को अब एक और बड़ा झटका लगने वाला है। सऊदी अरब में तेल कंपनी अरामको के तेल संयंत्र पर ड्रोन हमले के बाद इस संयंत्र के साथ-साथ अब वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भी आग लग गई है। कच्चे तेल की आपूर्ति पर असर पड़ने के कारण कच्चे तेल के दामों में भारी बढ़ोतरी हुई है, जिससे आगामी दिनों में भारत में भी पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ सकते हैं। ऐसा हुआ तो जीवनावश्यक वस्तुओं का परिवहन महंगा हो जाएगा, जिससे इन वस्तुओं की कीमत भी बढ़ सकती है और मंदी तथा भारी चालान का सामना कर रहे नागरिकों को विभिन्न वस्तुओं की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।



धर्मेन्द्र प्रधान ने सऊदी कंपनी से बात की


केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने भारत की चिंता को देखते हुए सऊदी कंपनी अरामको के अधिकारियों से बात की है। धर्मेन्द्र प्रधान के अनुसार अरामको के तेल संयंत्र पर हमले के बाद भारत की ओर से वहाँ के शीर्ष अधिकारियों से संपर्क करके बात की गई है। रियाद में स्थित भारतीय राजदूत ने भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति लगातार जारी रखने के लिये अरामको के वरिष्ठ प्रबंधन अधिकारियों से बात की है। प्रधान के अनुसार केन्द्र सरकार ने अपनी तेल कंपनियों की चिंता दूर करने के लिये इसी महीने कच्चे तेल की आपूर्ति की समीक्षा की और सरकार को विश्वास है कि भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति में किसी प्रकार का कोई व्यवधान नहीं आएगा। प्रधान ने यह भी कहा कि सरकार स्थिति पर लगातार निगरानी कर रही है।


लंदन और अमेरिका में बढ़े कच्चे तेल के दाम


दरअसल वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाली सऊदी अरब की कंपनी अरामको के तेल संयंत्र पर ड्रोन हमले के बाद वैश्विक बाजार में अनिश्चितता का वातावरण पैदा हो गया, जिसके कारण कच्चे तेल की कीमतों में आग लग गई है। लंदन में ब्रेंट क्रूड फ्यूचर 19.5 प्रतिशत उछल कर 71.95 डॉलर प्रति बैरल तक पहुँच गया है। दावा किया जा रहा है कि यह 14 जून-1991 के बाद कच्चे तेल की कीमतों में सबसे बड़ा उछाल है। दूसरी ओर अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट फ्यूचर 15.5 प्रतिशत बढ़ कर 63.34 डॉलर प्रति बैरल तक पहुँच गया है, जो 22 जून-1998 के बाद सबसे उच्चतम स्तर है। इस बीच जानकारों का मानना है कि मंदी का सामना कर रहे भारत के लिये यह स्थिति मुश्किलें बढ़ाने वाली सिद्ध हो सकती है। जानकारों का यह भी मानना है कि सऊदी अरब के प्लांट से तेल आपूर्ति सामान्य होने में कई सप्ताह का समय लग सकता है। क्योंकि इस हमले से लगभग 50 प्रतिशत ग्लोबल सप्लाई पर असर पड़ा है, जिसके कारण अगले एक सप्ताह में ही कच्चे तेल की कीमत में 15 से 20 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी हो सकती है।



उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब की कच्चे तेल की वैश्विक आपूर्ति करने वाली कंपनी अरामको के दो प्लांट पर यमन के हूती लड़ाकों ने शनिवार को ड्रोन से हमला किया था, जिससे प्लांट में आग लग गई थी। इस हमले के परिणाम स्वरूप वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की सप्लाई पर 50 प्रतिशत तक भारी असर पड़ा है। इससे पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में 10 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो चुकी है तथा आगामी दिनों में भारी बढ़ोतरी की संभावना है। हालाँकि केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने आश्वस्त किया है कि भारत के लिये कच्चे तेल की आपूर्ति में कोई व्यवधान नहीं आएगा।


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