15 बागी विधायक भाजपा में शामिल

कांग्रेस-जेडीएस दोनों ही पार्टी के थे विधायक


कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की मौजूदगी में कांग्रेस और जेडीएस के 15 बागी विधायक भाजपा में शामिल हो गए। शीर्ष कोर्ट ने उनकी अयोग्यता को बरकरार रखा। इन विधायकों को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने अयोग्य करार दिया था, लेकिन तीन जजों की पीठ ने उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्रों से उपचुनाव लड़ने की इजाजत दे दी। सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने बुधवार को कर्नाटक के 17 बागी विधायकों की याचिकाओं का निपटारा करते हुए कहा कि उन्हें विधानसभा अध्यक्ष की ओर से अयोग्य करार देने का फैसला सही था, हालांकि पूरे कार्यकाल के लिए अयोग्य ठहराने का फैसला उचित नहीं था। इस प्रकार शीर्ष अदालत के फैसले से अयोग्य करार विधायकों के 5 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव में भाग लेने का रास्ता साफ हो गया। सूत्र बता रहे हैं कि फिलहाल होने जा रहे 15 सीटों के उपचुनाव में अयोग्य करार विधायकों को भाजपा ने टिकट देने की तैयारी की है। पार्टी का मानना है कि अगर इन विधायकों ने इस्तीफे का दांव नहीं चला होता तो फिर सरकार नहीं बन पाती। इस नाते इन्हें टिकट न देना नाइंसाफी होगी। यूं तो विधायकों के इस्तीफे से राज्य में 17 सीटें खाली हैं मगर कोर्ट में केस लंबित होने के कारण राजराजेश्वरी नगर और मस्की विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा नहीं की गई है। 5 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए 18 नवंबर तक नामांकन होगा। नतीजे 9 दिसंबर को आएंगे। फिलहाल कर्नाटक विधानसभा में कुल 207 विधायक हैं, जिसमें से 104 बीजेपी के हैं, जो कि बहुमत के लिए काफी हैं। लेकिन 15 सीटों पर नतीजे आने के बाद कर्नाटक विधानसभा में विधायकों की संख्या 222 हो जाएगी। ऐसे में बीजेपी को बहुमत के लिए 113 विधायकों का समर्थन चाहिए होगा। इसलिए कर्नाटक में सरकार बचाने के इस उपचुनाव में बीजपी को कम से कम 9 सीटें जितनी होंगी। कर्नाटक में फिलहाल कांग्रेस के 65 और जेडीएस के 34 विधायक हैं। दोनों को मिलाकर 99 विधायक विपक्ष में हैं।


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