भू-माफियाओं का जिले में बोलबालाराजस्वमहकमा मनमानी में उतारू

अनूपपुर। प्रदेश सरकार बदल गई, जिले का प्रशानिक अमला भी बदल गया लेकिन जिले का सिस्टम अभी भी नहीं बदला है। किसान अपने काम के लिए पटवारी, आरआई के चौखट में अपना माथा पीटते रहता है उसका कार्य समय पर नहीं होता, लेकिन जमीन दलाल जब अफसरों के पास जाते हैं तो उनका काम तुरंत हो जाता है कारण कि दलालों द्वारा कर्मचारियों को मुंह दिखाई के रूप में नगद सुविधा शुल्क मेंट दिया जाता है।


__ इतना ही नहीं मनचाहे स्थान पर नजराने के रूप में कुछ जमीन के तुकड़े भी फेंक दिये जाते हैं, जिसके चलते राजस्व अधिकारी दलालों के पीछे-पीछे दुम हिलाते रहते हैं। इन दिनों जिले में जमीन दलाल व राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी दलाली मे लिप्त हैं और इसी दलाली की वजह से कभी पैरो मे चप्पल के लिए तरसने वाले आज एसी कारो मे नजरें चढ़ाकर चलते हैं और बंगले तो ऐसे बने हैं जैसे किसी राजा रजवाड़े के वंशज हों। यही हाल राजस्व विभाग के साधारण से कर्मचारियों का भी है हालांकि कुछ कर्मचारी अभी भी अपवाद के रूप में कार्य कर रहे हैं जिनको अपनी ईमानदारी पर नाज है और आम नागरिक भी उनकी ईमानदारी को सलाम करते हैं किन्तु कुछ दलाल प्रवृत्ति के विभागीय कर्मचारी ऐसे हैं जिनको नियमो व अनुशासन से कोई लेना देना नही है। विभागीय कर्मचारी दलालों को अपना सब कुछ मानकर उन्ही के मन का विभाग चला रहे हैं चाहे जनता सालो से चक्कर लगा लगाकर व अपनी हैसियत अनुसार चढ़ावा देकर थक जाये उन्हे उससे कोई लेना देना नही क्योकि जनता से ज्यादा लक्ष्मी तो दलाल के द्वारा कराये गये सिर्फ छोटे से काम से ही आ जाती है, तभी तो कर्मचारी सिर्फ दलालो की ही सुनते हैं। जिले में प्रशासनिक ढांचा किस तरह से लड़खड़ा रही है इसकी बानगी जिला मुख्यालय मे ही देखी जा सकती है जहां भ्रष्टाचार के आकंठ मे डूबकर विभागीय कर्मचारी दलालों के साथ मिलकर लूट- खसोट का इतिहास रच रहे हैं। पहले ये लोग मिलकर साधारण व्यक्ति को अपने जालो मे फंसा लेते हैं फिर सालों साल उससे पैसे ऐंठते रहते हैं जब तक कि वह थक कर उनसे वह काम करवाना ही छोड़ दे या फिर खून के आंसू न रोये। राजस्व कर्मचारियों व दलालो का कभी दिल नही पसीजता वे हमेशा लोगो को भ्रमित कर अपना घर भरते हैं और ऐसा करें भी क्यों न क्योंकि लोग प्यार से पैसे तो देंगे नहीं तो ये लोग आम जनता को अपनापन का नाटक दिखाकर अपने जाल में फांस उसे आजीवन आय का स्रोत बना लेते हैं। इसके अलावा उन्हे मालूम है कि सामने वाला बंदा (पीड़ित) कहां-कहां शिकायत करेगा तो वे पहले से ही वहां बंद लिफाफा पहुंचा देते हैं। इधर पीड़ित यहां से वहां दौड़ते रहता है और प्रशासनिक कार्यवाही जस की तस बनी रहती है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिले के कोतमा, अनूपपुर, जैतहरी, राजेंद्रग्राम तहसील क्षेत्र के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन दलालों का बोलबाला है, राजस्व विभाग के पटवारी, तहसीलदार, आरआई, नायब तहसीलदार जमीन दलालों का अच्छा खासा मदद करते हैं, जिसके चलते जमीन दलाली धीरे-धीरे गाजर घास की तरह फैल रही है। जिले में चल रही जमीन दलाली की जानकारी डीएम से लेकर सीएम तक को पूर्व में रही लेकिन कार्यवाही या जांच कोरे कागज तक सीमित रह गई थी। जानकारी मिली है कि जिले के भाजपा, कांग्रेस, बसपा, सपा के नेता एवं समाजसेवी व कई तथाकथित कलमकार भी भू-माफियागिरी कर रहे हैं। जिले के लोगों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ, जिले के प्रभारी मंत्री प्रदीप जायसवाल, डीएम चंद्रमोहन ठाकुर से मांग किए हैं कि जिले में चल रहे भू-माफियाओं की जांच कराकर कार्यवाही की जाये।


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