भोपाल की भारती को सुयश यूनाइटेड नेशन्स का खिताब किया अपने नाम
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यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते
तत्र देवताः ।
यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः ।। मनुस्मृति ३/५६ ।।
यत्र तु नार्यः पूज्यन्ते तत्र देवताः रमन्ते,ब यत्र तु एताः न पूज्यन्ते तत्र सर्वाः क्रियाः अफलाः (भवन्ति) ।
जहाँ स्त्रियों की पूजा होती है वहाँ देवता निवास करते हैं और जहाँ स्त्रियों की पूजा नही होती है, उनका सम्मान नही होता है वहाँ किये गये समस्त अच्छे कर्म निष्फल हो जाते हैं।
हमारे भारतवर्ष में नारियों ने हमेशा से बुलंदियाँ छुई है । वो चाहे मदर टेरेसा हो , इंदिरा गांधी हो , बछेन्द्री पाल हो या कल्पना चावला हो । ऐसी कितनी ही नारियाँ हैं जिन्होंने हमारे देश का नाम विश्व में गौरवान्वित किया ।
भोपाल में जन्मी भारती चौहान ने एंबेसडर मिसेज यूनाइटेड नेशंस का खिताब अपने नाम किया।
नारी को यूं तो हर रूप में पूजा जाता है और नारी की शक्ति की बात करें तो वह किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है । नारी चाहे कितनी भी अभाव में हो , अपने स्वभाव से, जिस क्षेत्र में चाहे अपना प्रभाव छोड़ती है। बात करे भोपाल में जन्मी भारती चौहान की जो एक लाइव कोच के साथ एक मोटिवेशनल ट्रेनर भी है। छोटे से परिवार में पली बढ़ी भारती ने भोपाल से निकलकर देश ही नहीं अपितु सीधे संयुक्त राष्ट्र संगठन के बेनर तले पहली बार भारत में 1 नवंबर से 10 नवंबर 2019 तक पंजाब में आयोजित हुआ। जहाँ लगभग 35 राष्ट्र के 45 प्रत्याशियों ने इसमें भाग लिया जिसमे भारती चौहान ने प्रतिस्पर्धा के प्रतिष्ठित सम्मान एंबेसडर मिसेज यूनाइटेड नेशंस का खिताब अपने नाम किया। जब भारती से इस बारे पूछा गया तो भारती ने कहा की इस संगठन का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण ,शिक्षा ,गरीबी ,पर्यटन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में संपूर्ण विश्व में काम करना है । काश भारती जैसी सोच सभी नारियों में आ जाए तो यह धरती स्वर्ग समान हो जाए व साथ ही वसुदेव कुटुंबकम का महत्वपूर्ण सिद्धांत जो इस संस्था का वाक्य है उसे लागू करनाब आसान हो जाए । आओ हम सब मिलकर सम्मान करें , सेल्यूट करें उनकी सोच को और उनके जज्बे को....