एमआईसी सदस्यों का हवाई यात्रा का विरोध
भोपाल। ई-बसों की कार्यप्रणाली को समझने के नाम पर नगर निगम के एमआईसी सदस्यों के साथ अधिकारियों का हैदराबाद हवाई टूर को लेकर विरोध किया जा रहा है। यह विरोध कांग्रेसी पार्षदों व निगम ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा है। कांग्रेसी पार्षदों का कहना है कि बीसीएलएल के डायरेक्टर व एमआईसी सदस्य केवल मिश्रा का अधिकारियों के साथ जाना उचित हैं, लेकिन निरीक्षण के नाम पर पूरे एमआईसी की हवाई यात्रा के साथ पर्यटन के लिए लाखों का खर्च करना बेहद आपत्तिजनक है। निगमायुक्त बी विजय दत्ता, बीसीएलएल मैनेजर एडमिन रोहित यादव और पीआरओ संजय सोनी के साथ एमआईसी मेंबर मंगलवार को फ्लाइट से हैदराबाद के लिए रवाना हुए। यह टूर भी चार दिनों तक रहेगा। मतलब आगामी 22 नवंबर को यह दल लौटेगा। जानकारी के अनुसार महज जाने के लिए फ्लाइट की टिकट चार से नौ हजार रुपए प्रति व्यक्ति होती है। इस हिसाब से दस लोगों के आने जाने पर ही करीब 1.80 हजार का खर्च आएगा। इसके अलावा 10 लोगों के रुकने, खाने-पीने, भ्रमण के साथ अन्य खर्च मिलाकर यह खर्च लाखों में जाएगा। बता दें कि एमआईसी सदस्यों में केवल मिश्रा, दिनेश यादव, शंकर मकोरिया, मनोज चौबे, भूपेन्द्र माली, सुरेन्द्र वाडिका, महेश मकवाना निरीक्षण दल में शामिल हैं। बारिश में खस्ता हाल सड़कों का सुधार काम भी बजट के अभाव में अटका पड़ा है। इसके अलावा पुराने भुगतान नहीं होने से भी ठेकेदारों ने बीते 22 अक्टूबर से जारी विकास कार्यों को बंद कर दिया है। विभागीय मंत्री से लेकर तमाम अधिकारियों से गुहार के बाद भी बीते 1 साल से ठेकेदारों का निगम पर 110 करोड़ बकाया है। ठेकेदारों ने निरीक्षण के नाम पर पर्यटन का विरोध किया है।दरअसल, इस टूर की प्लानिंग पहले ही नगर निगम ने की थी। महापौर परिषद बैठक में 100 इलेक्ट्रॉनिक बसों को खरीदने के लिए प्रस्ताव रखा गया था। इस पर काफी देर चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया था कि हैदराबाद में निरीक्षण के बाद ही प्रस्ताव को हरी झंडी दी जाएगी। इसमें सिर्फ अधिकारी वर्गव संबंधित एमआईसी मैंबर का जाने की बात की गई। थी। इसके उलट, निरीक्षण को पर्यटन के रूप में तब्दील करने की रूपरेखा तैयार की गई और सात एमआईसी मैंबर्स के कई अधिकारी भी शामिल हो गए। इस बारे में कांग्रेसी पार्षद गिरीश शर्मा का कहना है कि बीसीएलएल वैसे भी नगर निगम की गलत प्रबंधन के कारण किसी बोझसे कम नहीं है। संचालन सेलेकर तमाम गड़बड़ियां उजागर हुई है। वर्तमान में बसों का संचालन तक नहीं कर रहा है और ई-बसों के नाम पर इतने लोगों का टूर किया जा रहा है। लाखों की बर्बादी का जिम्मेदार कौन है। कई विकास कार्य रुके पड़े हुए हैं। हम मामले पर विरोध दर्ज कराएंगेवहीं बीसीएलएल के डायरेक्टर केवल मिश्रा का कहना है कि राजधानी में पहली बार ई-बसों का संचालन किया जा रहा है