कमिश्नर ने उप संचालक किसान कल्याण जिला उमरिया श्री आर के प्रजापति को जारी किया कारण बताओ नोटिस 


शहडोल 11 नवंबर 2019ः- कमिश्नर शहडोल संभाग श्री आर्मी प्रजापति ने शासकीय कार्यों में उदासीनता एवं लापरवाही बरतने के कारण उप संचालक किसान कल्याण उमरिया श्री आर के प्रजापति को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। कमिश्नर शहडोल संभाग कारण बताओ सूचना पत्र में कहा है कि संभाग स्तर की समीक्षा बैठक एवं जिला स्तर की समीक्षा बैठक में विभागीय दिशा निर्देशों के अनुसार आपको मेरे द्वारा खुद ही निर्देश दिए गए। इसके अलावा कमिश्नर कार्यालय से आपको पत्राचार के माध्यम से भी प्रदेश स्तर से प्राप्त निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही करने तथा उपलब्धि हासिल करने के निर्देश दिए गए। 5 नवंबर 2019 को अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त के द्वारा रीवा में संभाग स्तर की समीक्षा बैठक में योजनाओं के क्रियान्वयन में कोताही बरतने के कारण अप्रसन्नता व्यक्त की गई यदि आप ने गत एपीसी की बैठक दिनांक 30 मई 2019 को मेरे द्वारा बैंकों में दिए गए निर्देशों का गंभीरता से लेने तथा लक्ष्य के अनुरूप कार्रवाई करने का प्रयास करते तो शायद आप अपने आप को जिम्मेदार ना बना पाते परंतु आपने अपने शासकीय कर्तव्यों का निर्वहन सही ढंग से नहीं किया। कमिश्नर ने कहा कि रबी सीजन 2019 के लिए शासकीय संस्थाओं में बीज उपलब्ध बीज के उठाव के पश्चात अन्य शासकीय संस्था बीज संघ से बीज की आपूर्ति किए जाने के संबंध में दिए गए। निर्देशों के विपरीत आपके द्वारा संभाग से बाहर के बीज उत्पादक समितियों से बीज का भंडारण कर योजनाओं में पूर्ति की गई है। रबी सीजन 2019 में भूमि में नमी एवं सिंचाई जल की उपलब्धता अनुसार क्षेत्र विस्तार होना था। फलतः फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए प्रत्येक फसलों के गुणात्मक गुणवत्ता युक्त प्रमाणित बीजों के प्रतिस्थापन दर में वृद्धि करना आवश्यक है किंतु आपके द्वारा दर्शाई गई बीज उपलब्धता की जानकारी पुष्टि कारक नहीं है तथा बीज प्रतिस्थापन दर में वृद्धि के प्रयास भी परिलक्षित नहीं हो रहे हैं। खरीफ एवं रबी मौसम में गुणवत्ता युक्त उर्वरक एवं कीटनाशक दवा कृषकों को उपलब्ध हो सके। इसके लिए सघन अभियान के अंतर्गत प्रत्येक विक्रय केंद्रों का निरीक्षण एवं विक्रय हेतु भंडारित आदान सामग्री के प्रत्येक का नमूना लिया जाकर प्रयोगशाला में परीक्षण उपरांत अमानक स्तर के नमूनों के विरुद्ध नियमानुसार सख्त कार्यवाही की जानी है। किंतु पूर्व समीक्षा बैठक में 3 वर्षों में की गई कार्यवाही के परीक्षण के दौरान आपके द्वारा 15 अमानक नमूनों के विरुद्ध मैं लाइसेंस निरस्त करना तथा एफआईआर करने जैसे कार्यवाही निरंग पाए जाने पर विधि सम्मत कार्रवाई के निर्देश के बावजूद भी अपेक्षित कार्यवाही नहीं की गई। इसी प्रकार परंपरागत कृषि विकास योजना जो वर्ष 2016-17 से प्रारंभ हुई है तत्पश्चात वर्ष 2016-17, 2018 एवं 2018-19 में योजना अंतर्गत कलस्टर के लक्ष्य आवंटित कर योजना के प्रावधान अनुसार 3 वर्ष के कंजर्वेशन अवधि में पीजीएस पोर्टल में पंजीकृत 
कृषकों के प्रमाण पत्र जारी किया जाकर जैविक उत्पाद का ब्रांडिंग व एवं मार्केटिंग की व्यवस्था कराई जानी थी। योजना के प्रारंभ वर्ष 2016-17 एवं 2018-19 के 3 वर्ष कंजर्वेशन अवधि पूर्ण होने पर भी प्रमाण पत्र एवं मार्केटिंग की कार्रवाई प्रारंभ नहीं कराई गई है। कृषि यंत्र के वर्तमान आॅनलाइन व्यवस्था के अनुरूप प्राप्त लक्ष्यों के विरुद्ध पंजीयन उठा एवं सत्यापन के उपरांत अनुदान भुगतान की कार्यवाही अत्यंत अल्प है। इससे कृषकों का हित लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। उपरोक्त योजना एवं कार्यों के संबंध में शासन के स्पष्ट निर्देश के बावजूद भी आपका यह कृत्य शासकीय कार्यों में लापरवाही एवं उदासीनता का घोतक होकर शासन के निर्देशों की अवहेलना की श्रेणी में आता है जो मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 का स्पष्ट उल्लंघन है उक्त कृत्य कर्तव्यों के अनुरूप ना होकर की श्रेणी में आने के कारण क्यों ना आप के विरुद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 10 4 के तहत आप की आगामी दो वार्षिक वेतन वृद्धि या आसन के प्रभाव से रोक दी जावे उक्त संबंध में अपना बचाव उत्तर कलेक्टर के माध्यम से सात दिवस के अंदर प्रस्तुत करें। समय-सीमा में संतोषप्रद उत्तर प्राप्त नहीं होने की दशा में आपके विरुद्ध एक पक्षी कार्यवाही की जाएगी जिसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।


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