पांचवे दिन भी अल्ट्राटेक श्रमिक हड़ताल पर


अल्ट्राटेक सीमेंट उद्योग में श्रमिक आज पांचवे दिन भी हड़ताल पर है उद्योग का काम पूरी तरह से ठप्प है मौके में प्रशासन और ठेकेदारों ने श्रमिको को समझाने का खूब प्रयास किया लेकिन श्रमिक नही माने और अपनी मांगों को लेकर हड़ताल में है|



मौके में पहुचे एसडीएम, एसडीओपी



आज शाम मौके में एसडीएम एसडीओपी ने पहुच श्रमिक और उद्योग प्रबंधन से बात की,और श्रमिको की मांगो को शासन की नियमानुसार मनाने को कहा, उद्योग प्रबधंन के जिम्मेदारो ने श्रमिको की मांग को उद्योग की गाइड लाइन के बाहर बता कर अपना रुझान श्रमिको के विपरीत रखा, जिस पर उद्योग प्रबंधन से गाइड लाइन मांगी गई,तो कोई बात लिखित में उपलब्ध न करे पाने के कारण उद्योग प्रबधंन को एसडीओपी मैहर ने होमवर्क कर जल्द सुलह करने की सलाह दी!


श्रमिको की मांग भविष्य सुरक्षा निधि मैहर सीमेंट के भति अल्ट्राटेक सीमेंट उद्योग काटे



श्रमिको ने कहा पूर्व में मैहर सीमेंट उद्योग ट्रस्ट के माध्यम से हम लोगो का पीएफ काटता था लेकिन अब अल्ट्राटेक सीमेंट उद्योग ठेकेदार के माध्यम से हमारा पीएफ कटवाना चाहता है जिससे भविष्य में हम श्रमिको का शोषण होगा,हम शासन की गाइड लाइन के विपरीत नही जायेगे अगर शासन का नियम में ऐसा है तो प्रशासन और हमारे सामने उद्योग के जिम्मेदार लोग लिखित आदेश रखे,कंपनी हमारी मांगो को हड़ताल को असवैधानिक घोषित करवा सकती है लेकिन उसका साक्ष्य नही दे सकती, अगर दे सकते तो आज माननीय एसडीएम साहब एसडीओपी साहब के मांगने पर क्यो नही दी?



*क्या अल्ट्राटेक सीमेंट उद्योग सरलानगर अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहता है?
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में नौकरी पेशा कर्मचारियों के लिए कुछ खास फैसले लिए हैं. ये फैसले फरवरी और अप्रैल 2019 में लिए गए हैं और इनके कारण पेंशन और पीएफ खातों में बदलाव के साथ-साथ भविष्य में मिलने वाली रकम भी बदल जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला लिया है उसके बाद नौकरी पेशा कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद फायदा ही होगा.
फरवरी 2019 में जब सुप्रीम कोर्ट ने भविष्य निधि पर सुनवाई की थी तो ये फैसला सुनाया था कि कर्मचारियों को मिलने वाला भत्ता जैसे ट्रैवल, खाना, कूपन, मनोरंजन, खास भत्ता आदि सब कुछ जो कर्मचारियों की कॉस्ट टू कंपनी (CTC) में दिया जाता है वो अब कर्मचारियों के मूल वेतन का हिस्सा माना जाएगा और भविष्य निधि की गणना उसके आधार पर ही होगी.!हालाकि कुछ भत्ते ओवरटाइम,परफॉर्मेंस,बोनस,किराया का भत्ता इस फैसले का हिस्सा नही है!



क्या श्रमिको को भगाने की फिराक में अल्ट्राटेक?
सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अनुसार कहना साफ कहना है कि अगर किसी निजी कंपनी में ठेकेदार के श्रमिक काम करते है और ठेकेदार को भगा दिया जाता है या चला जाता है तो उन्हें काम देने के लिए कंपनी बाध्य नही होगी उसे कंपनी का नियमित कर्मचारी नही कहा जा सकता है चाहे वो नियमित कर्मचारी की तरह काम क्यो न करता हो कंपनी का उस पर पूर्ण नियत्रण हो! 
ठेकेदार उन्हें वेतन देते है न कि कंपनी|


अल्ट्राटेक उद्योग द्वारा सीधे भविष्य सुरक्षा निधि (पीएफ)खुद न काट कर ठेकेदारों से कटवाना साफ जाहिर कर रहा है भविष्य में अल्ट्राटेक कंपनी श्रमिको को लेकर कोई रिस्क नही लेना चाहती और पीएफ ठेकेदारों से कटवा कर भी पूरा नियंत्रण अपने हाथों में रखना चाहती है|


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