पेप्टेक ग्रुप बिल्डर के साथ करोडो की धोखाधड़ी 

 


संजय अग्रवाल (खिल्लू) व अन्य दो के खिलाफ दर्ज हुई 420 की एफ.आई.आर. 


25 करोड़ की संपत्ति हड़पने की फिराक में आरोपी
हाईकोर्ट ने लगाई सतना पेप्टेक सिटी के क्रय-विक्रय पर रोक
 
    भोपाल। मध्यप्रदेश के कई जिलों में आवासीय एवं व्यवसायिक कॉम्पलैक्स का निर्माण करने वाले जाने-माने बिल्डर समूह पेप्टेक ग्रुप (बिल्डर्स एंड डेवेलपर्स) के साथ लगभग 2 करोड़ रुपए की धोखाधडी का मामला सामने आया है। तीन लोगों ने बिल्डर समूह के साथ एक साझेदारी अनुबंध कोतोड़ते हुए लगभग 25 करोड़ रुपए की संपत्ति को हड़पने की कोशिश की है। इस मामले में जहां सतना पुलिस द्वारा एफआईआर की गई है। तो वहींहाईकोर्ट जबलपुर ने सतना की पेप्टेक सिटी में किसी भी तरह के क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी है। दरअसल छतरपुर के जाने-माने व्यापारिक समूहबुन्देलखण्ड गु्रप के अशोक अग्रवाल एवं सतना निवासी संजय उर्फ खिल्लू अग्रवाल एवं सीताराम गौतम के विरूद्ध सतना पुलिस के द्वारा धारा 420, 34 के तहत अमानत में खयानत एवं धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों के द्वारा पेप्टेक गु्रप के डायरेक्टर नीरज चौरसिया के साथकरोड़ों रूपए की धोखाधड़ी कर सतना स्थित पेप्टेक सिटी में अवैध तरीके से प्लाट एवं निर्मित भवनों का विक्रय किया गया है। आरोपियों ने एकविधिमान्य एमओयू की शर्तों का उल्लंघन करते हुए पेप्टेक गु्रप के डायरेक्टर को दो करोड़ रूपए का चूना लगा दिया तो वहीं लगभग 25 करोड़ रूपएकी संपत्ति को हड़पने की फिराक में है। नीरज चौरसिया द्वारा सतना एसपी को दी गई शिकायत के बाद इस मामले में उक्त तीनों आरोपियों के विरूद्धन सिर्फ एफआईआर की गई है बल्कि आर्बीट्रेशन एक्ट के तहत उच्च न्यायालय के द्वारा पेप्टेक सिटी के शेष भूखण्ड के क्रय विक्रय पर रोक लगाई गईहै।



 
क्या है मामला
सतना के सिविल लाईन थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक शिकायतकर्ता नीरज चौरसिया डायरेक्टर पेप्टेक गु्रप निवासी छतरपुर के द्वारा बतायागया कि वर्ष 2007 में बुन्देलखण्ड मोटर ग्रुप के डायरेक्टर अनुपम अग्रवाल (बंटू) के द्वारा अपने चाचा अशोक अग्रवाल एवं दो अन्य लोगों के स्वामित्वके सतना में स्थित एक भू-खण्ड पर कॉलौनी विकसित करने के लिए पेप्टेक ग्रुप से साझेदारी की गई थी। उक्त जमीन अनुपम अग्रवाल (बंटू) के चाचाअशोक अग्रवाल, संजय अग्रवाल एवं सीताराम गौतम के नाम पर दर्ज थी। किंतु अनुपम अग्रवाल के निधन के उपरांत उक्त भू-स्वामियों की नियत मेंखोट आ गई। दरअसल आरोपीगणों अशोक अग्रवाल तनय किशोरीलाल अग्रवाल निवासी बुन्देलखण्ड छतरपुर, संजय अग्रवाल उर्फ खिल्लू तनयरामकृष्ण अग्रवाल ब्लूम्स एकेडमी सतना एवं सीताराम गौतम तनय रामस्वरूप गौतम हनुमान नगर नई बस्ती कोलगांव सतना के द्वारा सतना के पन्नारोड पर स्थित एक भूखण्ड में कॉलोनी विकसित करने के लिए एक एमओयू किया गया था। उक्त विधिमान्य एमओयू के अंतर्गत बिल्डर नीरजचौरसिया के द्वारा उक्त तीनों आरोपियों के स्वामित्व की भूमि पर एक कॉलोनी का विकास किया जाना था एवं इस कॉलोनी में विक्रय होने वालेमकानों के मुनाफे को क्रमश: 68 प्रतिशत पेप्टेक हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड को एवं शेष 32 प्रतिशत तीनों अन्य भूमिस्वामियों को प्राप्त होने थे। चूंकिउक्त तीनों की कृषि योग्य भूमि पर आवासीय कॉलोनी के निर्माण में आने वाला संपूर्ण व्यय, मकान, सड़क निर्माण की लागत एवं प्रचार-प्रसारसबकुछ पेप्टेक गु्रप के द्वारा ही संचालित होना था अत: उक्त एमओयू के तहत यह नियमबद्ध किया गया था कि उक्त भूमि पर बनने वाले संपूर्णमकानों का विक्रय चारों हिस्सेदारों की सहमति से ही होगा। किन्तु उक्त सभी आरोपीगणों के द्वारा पेप्टेक सिटी के निर्माण होने एवं अनुपम अग्रवालनिधन होने के बाद एमओयू का उल्लंघन करते हुए पेप्टेक गु्रप द्वारा निर्मित कई मकानों का विक्रय स्वयं ही कर दिया। उक्त आरोपियों के द्वारा पेप्टेकगु्रप की लागत से निर्मित आधा दर्जन मकानों जिनकीं बाजार कीमत लगभग 3 करोड़ रूपए है इनका विक्रय कर दिया गया एवं पेप्टेक गु्रप के हिस्सेके लगभग दो करोड़ रूपए खुद ही हजम कर गए। जिन मकानों का विक्रय हुआ उनमें कृष्णतीर्थ त्रिपाठी, पूजा सिंह, रामलली पाण्डेय, बालेन्द्र कुमारद्विवेदी, सुखेन्द्र कुमार, भरत त्रिपाठी, शैलेन्द्र सिंह के नाम पर मकान विक्रय शामिल हैं। उक्त आरोपियों के द्वारा की गई इस जालसाजी से पेप्टेक गु्रपके डायरेक्टर नीरज चौरसिया को न सिर्फ दो करोड़ रूपए की क्षति हुई बल्कि अब भी एमओयू की शर्तों के मुताबिक इस भूखण्ड पर निर्मित मकान एवंप्लाट पर सभी हिस्सेदारों का अधिकार होने के बावजूद उक्त तीनों आरोपियों का कब्जा है। उक्त तीनों आरोपी लगभग 25 करोड़ रूपए की उक्तसाझेदारी की संपत्ति का विक्रय कभी भी कर सकते हैं। श्री चौरसिया ने उक्ताशय की रिपोर्ट के माध्यम से सतना पुलिस को उक्त जालसाजी कीसूचना दी थी जिसके बाद आरोपीगणों के खिलाफ सिविल लाईन थाना पुलिस सतना के द्वारा 13 नवंबर 2019 को धारा 420, 34 का प्रकरण दर्जकर लिया गया है।
 
पेप्टेक सिटी सतना के क्रय-विक्रय पर अदालत की रोक
पेप्टेक गु्रप के डायरेक्टर नीरज चौरसिया ने बताया कि जालसाजी करने वाले उक्त तीनों आरोपियों अशोक अग्रवाल, संजय अग्रवाल खिल्लू एवंसीताराम गौतम के द्वारा विधिमान्य एमओयू का उल्लंघन कर पेप्टेक गु्रप की आधिकारिक संपत्ति का हिस्सा पेप्टेक सिटी में अवैध तरीके सेजालसाजी कर प्लाट एवं भवनों का विक्रय किया जा रहा है। इस संबंध में नीरज चौरसिया ने पहले सतना की अदालत में इस एमओयू के माध्यम सेवाद प्रस्तुत किया था तदोपरांत हाईकोर्ट जबलपुर में  आर्बीटे्रशन एक्ट के तहत अपनी याचिका प्रस्तुत की गई। नीरज चौरसिया की उक्त याचिका परअदालत ने पेप्टेक सिटी सतना में किसी भी तरह के प्लाट, भवन क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी है। नीरज चौरसिया ने सतना के निवासियों से आग्रहकिया है कि उक्त विवादित पेप्टेक सिटी आवासीय कॉलोनी में वैधानिक अनुमतियों के बगैर क्रय-विक्रय न करें।


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