फैसला हिन्द- मास्लम का जय- पराजय से भी बड़ा
पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने अयोध्या पर फैसले को लेकर कहा
अपना लक्ष्य
भोपाल प्रदेश की पूर्व मंत्री एवं अयोध्या में बाबरी ढांचा ढहाये जाने के मामले में आरोपी जय सिंह पवैया ने कहा कि अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला हिन्दू- मुस्लिम की जय-पराजय से भी बड़ा है। उन्होंने उच्चतम न्यायालय के फैसले को भारत के सम्मान और स्वाभिमान की विजय बताया है। बाबरी ढांचा ढहाये जाने के दौरान पवैया बजरंग दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। तब सात दिसंबर से 20 दिसंबर 1992 तक 13 दिनों तक पवैया जेल में भी बंद रहे। वहीं भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा भारती ने कई ट्वीट कर कहा कि % आज हमारी पार्टी सत्ता की शीर्ष पर है, दुनिया में मोदी जी की जय- जयकार है, भारत परम वैभव तथा परम शक्तिशाली राष्ट होने की ओर है, इसकी नींव में जो रन थे, उनमें से एक जगमगाता हुआ रत्न है आडवाणी जी।' मुख्य आरोपितों में शामिल उमा भारती ने एक और ट्वीट में कहा कि % आडवाणी जी ही वह भारतीय राजनीति के पुरोधा हैं जिन्होंने साम्प्रदायिकता के खिलाफ बहस भारत के राजनीति के पटल पर छेड़ी थी। उसी बहस के मंथन में से अयोध्या आंदोलन आगे बढ़ा। अयोध्या में बाबरी ढांचा ढहाने के मामले में लखनऊ की सीबीआई अदालत में चल रहे मुकदमे में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और अन्य के साथ जयभान सिंह पवैया भी एक आरोपित हैं। पवैया ने उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद कहा कि यह फैसला हिन्दू और मुसलमान की जय-पराजय से भी बड़ा मुद्दा है। मैं इसे दो समुदायों के बीच हार या जीत के तौर पर नहीं देखता हूं। पवैया ने कहा कि मेरे जैसे हजारों लोग हैं जिन्होंने आधा जीवन इस पवित्र उद्देश्य के लिए झोंक दियावे इतने अभिभूत हैं कि उनके पास इसे व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट भी साधुवाद का पात्र है क्योंकि उसने 40 दिन तक सभी पक्षों के तर्कों को देश के सामने आने दिया और एक विदेश आक्रांता द्वारा बनाई निशानी को खारिज करते हुए रामजन्मभूमि को स्वीकार किया। इसे हिंदू-मुस्लिम के बीच जय-पराजय से जोड़ना छोटी बात होगी, ये आस्था की जीत है।यह भारत के सम्मान की, भारत के स्वाभिमान की विजय है और यह न्यायपालिका का एक अद्भुत और क्रांतिकारी फैसला है।