पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन ने अर्थव्यवस्था पर जताई चिंता

बताए आर्थिक स्थिति से उबरने के उपाय


पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इकॉनमी ग्रोथ पर चिंता व्यक्त करते हुए एक समाचार पत्र में अर्थव्यवस्था में बेचैनी पर केंद्रित एक लेख लिखा है। इस लेख में सिंह ने भारत की अर्थव्यवस्था को चिंताजनक बताते हुए। इसके कारण और उपाय पर चर्चा की है। मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार और संस्थाओं में नागरिकों के भरोसे की कमी की वजह से अर्थव्यवस्था में सुस्ती आई है। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने साथ ही लिखा कि भारत की अर्थव्यवस्था की हालत बेहद चिंताजनक है। अब कुछ बातें स्पष्ट हो चुकी हैं-जीडीपी वृद्धि दर 15 साल में सबसे निचले स्तर पर है। घरेलू उपभोग पिछले चार दशक में सबसे नीचे पहुंच गया है और बेरोजगारी 45 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर है। बैंकों के कर्ज डूबने के मामले सबसे ऊंचे स्तर पर हैं और बिजली उत्पादन 15 साल के सबसे निचले स्तर पर गिर गया है। उनकी कई उद्योगपतियों से मुलाकात हुई। इन मुलाकातों में उद्योगपती बताते हैं कि वो सरकारी अधिकारियों के हाथ परेशान किए जाने के डर में जी रहे हैं। बैंक नए कर्ज नहीं देना चाहते, क्योंकि उन्हे कर्ज डूबने का खतरा लगता है। लोग नए उद्योग लगाने से डर रहे हैं कि कुछ लोगों की खराब नियत के चलते वो डूब सकते हैं। लोग खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं।


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