पुलिस अधीक्षक ने सिर्फ गोयरा थाने में आरक्षकों की पोस्टिंग को लेकर दिखाई रुचि अनुविभाग क्षेत्र में 8 थाने और चार चौकियों में पुलिस स्टाप की भारी कमी है


गोयरा थाने में स्वीकृत बल से भी अधिक स्टाप 12 आरक्षकों की स्वीकृति लेकिन 17 आरक्षकों की तैनाती रेत के मोह के चलते आरक्षकों ने कराई पोस्टिंग इधर लवकुशनगर में मात्र 11 आरक्षक उसमे में भी दो पठा चौकी के अटैच
लवकुशनगर/रेत का मोह हर किसी के सिर चढ़कर बोल रहा वह चाहे खाकी हो या फिर खादी सभी अपनी अपनी जुगाड़ फिट कर रहे है अनुविभाग क्षेत्र के रेत के कारोबार में सबसे चर्चित थानों में से एक गोयरा में आरक्षकों की पोस्टिंग को लेकर पुलिस अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजमी है गोयरा थाने में इन दिनों स्वीकृत पुलिस बल से भी ज्यादा पुलिस आरक्षकों की तैनाती कर दी गई जो इन दिनो चर्चा का विषय है जानकारी के अनुसार गोयरा थाने मे इन दिनों थाना प्रभारी के अलावा एक एएसआई दो प्रधान आरक्षक के अलावा 17 आरक्षकों की तैनाती है जबकि थाने में आरक्षकों की स्वीकृति 12 की है यानी 5 आरक्षकों की तैनाती अधिक है जबकि अनुविभाग क्षेत्र में 9 थाने और 4 चौकियां है जिनमे स्वीकृत बल से आधा ही स्टाप पदस्थ है स्थानीय लोगो के अनुसार गोयरा थाने में रेत का कारोबार चरम सीमा पर है इसलिए यह आरक्षक सत्ता पक्ष के नेताओ से इस थाने में अपनी पोस्टिंग करा रहे है लवकुशनगर अनुविभाग क्षेत्र में यह पहली बार हुआ है कि किसी भी थाने मे स्वीकृत बल से अधिक स्टाप की पोस्टिंग की गई हो हालांकि आरक्षकों ने अपनी यह पोस्टिंग कोई करवाई यह बात भी किसी से छिपी नही है 



लवकुशनगर थाने में  स्वीकृत बल से आधा स्टाप उसमे भी दो पठा चौकी के


अनुविभाग में सबसे बड़ा थाना  लवकुशनगर है इस थाना क्षेत्र दो पुलिस चौकियां पठा एवं अक्टोहा शामिल है इस थाने में थाना प्रभारी के अलावा चार एसआई दो एएसआई चार प्रधान आरक्षक एवं 19 आरक्षकों की तैनाती स्वीकृत है लेकिन मौजूदा स्थिति में एसआई एक एएसआई एक प्रधान आरक्षक एक भी नही और आरक्षक 12 मौजूद है इनमे 2 आरक्षक पठा चौकी के शामिल है अक्टोहा और पठा चौकी में नाम का स्टाप है चौकी क्षेत्र की जनता पुलिस के भरोसे न रहकर भगवान भरोसे रह रही है


गोयरा थाने में सालाना अपराध 70 के आसपास उसमे भी गंभीर आधा दर्जन भी नही
थानों में पुलिस बल की अधिकता अपराध रोकने के लिए की जाती है लेकिन गोयरा थाना क्षेत्र में अपराधों की बात करे तो सालाना अपराध एक सैकड़ा भी नही पहुचता पूरे साल में यहां पच्चास के ऊपर ही अपराध पहुँच पाता है इस थाना क्षेत्र में करीब 13 गांव शामिल है गंभीर अपराधों की बात करे तो साल में आधा दर्जन भी अपराध नही होते इसके बाद भी स्वीकृत बल से अधिक स्टाप की पदस्थापना अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है


गोयरा थाने बहुत कम स्टाप रहा है


पिछले दो वर्ष की बात छोड़ दी जाए तो गोयरा थाना जब से अस्तत्व में आया शुरू से स्टाप की कमी रही वर्ष 2005 में अपने भवन में स्थापित हुए इस थाने में थाना प्रभारी के अलावा एक प्रधान आरक्षक और दो आरक्षक ही पदस्थ रहे है लेकिन अब कई गुना स्टाप इस थाने बढ़ गया है 


इनका कहना है
स्वीकृत स्टाप से भी ज्यादा पोस्टिंग हो जाना कोई नई बात नही है गोयरा थाना यूपी की सीमा से लगा हुआ है इस थाना क्षेत्र की कानून व्यवस्था बनी रहे इसलिए यहां आरक्षकों की पोस्टिंग अधिक की गई है रही बात लवकुशनगर थाने की तो पुलिस लाइन से जल्द ही स्टाप की  पोस्टिंग की जाएगी 


तिलक सिंह एसपी छतरपुर


 


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