राजनगर बीईओ शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर लगे गंभीर आरोप

 


राजनगर बी ईओ(बिकाशखण्ड शिक्षा अधिकारी) की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठ रहे हैं बताया जा रहा है शासन के दिशा निर्देशों के द्वारा 2017 -18 में अतिथि शिक्षक की भर्ती होनी थी जिसका आदेश 20 जुलाई 2017 को मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा आने के बाद भी कर्री संकुल में अतिथि शिक्षक की भर्ती नही की गई थी जिसका प्रमाण स्वम् कर्री प्राचार्य ने आरटीआई आबेदन के जबाब में दिया था जिसकी सूचना पहले भी राजनगर बीईओ को दी गयी थी लेकिन अपनी हेकड़ी में अपने करीबियों के फर्जी बिल लगाकर बड़े पैमाने पर शाश्कीय राशी का गबन प्राचार्य की मिलीभगत से किया गया था जिसके षड़यंत्र में  राजनगर बीईओ जो कि(वित्तीय आहरण अधिकारी) है के द्वारा फर्जी बिल बाउचर बनाकर साल भर की वेतन का भुकतान अतिथियों के हक का निकालकर बंदरबांट कर लिया गया था जिसकी शिकायत आबेदक ने तहसील से लेकर सागर सम्भाग ,और भोपाल तक के अधिकारियों को आबेदन देकर अवगत कराया,लेकिन फिर भी इस मामले को लेकर समस्त शिक्षा विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हुए हैं 
*और वही जहां अतिथि शिक्षकों की भर्तियां सही और शासन के दिशा निर्देशानुसार होती हैं और जो अतिथि शिक्षक ऐसे अधिकारियों की करतूतों को सामने लाने की कोशिस भी करता है तो जहाँ बो अतिथि शिक्षक काम करते है वहाँ के शिक्षकों पर अवैधानिक तरीके से अपने पद का दुरुपयोग कर दबाव बनाकर नियुक्तियां निरस्त करके अपने करीबी सेटिंग वाले अतिथि शिक्षक को रख दिया जाता है* 


ऐसे लापरवाह अधिकारी अगर शिक्षा विभाग में रहकर काम करते हैं तो कैसे शासन की योजनाओं का सही क्रियांबन होगा और कैसे शिक्षा का स्तर सुधरेगा और  क्या बेरोजगार युवा हमेशा ही ऐसे अधिकारियों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते रहेंगे


 


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