राराम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित करने में जल्दबाजी नहीं करेगी केंद्र सरकार

___ नई दिल्ली, एजेंसी ------ केंद्र सरकार को अयोध्या में मंदिर निर्माण का रोडमैप तैयार करने के लिए ट्रस्ट का गठन में खासी माथापच्ची करनी होगी। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही ट्रस्ट में भागीदारी का दावा ठोक दिया है। साथ ही अखिल भारतीय संत समिति ने कहा कि राम जन्मभूमि न्यास के पास करोड़ों हिंदुओं की तरफ से इकट्ठा हुई शिला और धन है। लिहाजा ट्रस्ट पहले इन संसाधनों का इस्तेमाल कर उसकी गरिमा को बरकरार रखे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में निर्मोही अखाड़ा से कहा है कि वह ट्रस्ट का हिस्सा बनने के लिए केंद्र सरकार के पास जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक सरकार जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने जा रही है। संभव है कि सरकार इसके लिए पहले एक कमेटी बनाए। इस ट्रस्ट के लिए सरकार को कई कानूनी और प्रशासनिक पहलुओं पर फैसला करना होगा। साथ ही इसके कई ऐतिहासिक पहलू भी हैं, जिन्हें नजरंदाज नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ 2.77 एकड़ जमीन के मसले पर फैसला दिया हैबाकी बचे 64.23 एकड़ जमीन का क्या होगा इसका फैसला भी ट्रस्ट अपने हाथों में ले सकता है। शेष जमीन को केंद्र सरकार ने साल 1993 में अधिगृहीत कर लिया था। इसमें 43 एकड़ जमीन विहिप के पास थी, जिसका उसने मुआवजा नहीं लियाशिलाएं भेजी: विहिप


हिंदुओं ने 1.75 लाख शिलाएं भेजी: विहिप


विहिप के मुताबिक देशभर से हिंदुओं ने 1.75 लाख शिलाएं अयोध्या भेजी हैं। इन्होंने छह करोड़ रुपया भी जमा कराया है। विहिप ने अब तक इतनी सामग्री इकट्ठा कर ली है कि मंदिर की एक मंजिल आसानी से तैयार की जा सकती है। विहिप का दावा है कि उसी ने संत-साधुसमाज के साथ मिलकर इस आंदोलन की शुरुआत की थी। लाल कृष्ण आडवाणी ने मंदिर निर्माण की राजनीतिक कमान विहिपके हाथों से ही ली थी। लिहाजा मंदिर निर्माण के काम __ में विहिप को शामिल नहीं करना न्याय संगत नहीं होगा।


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