रंगीन मिजाज झोलाछाप डॉक्टर पर कार्यवाही से क्यो कतरा रहे जिम्मेदार
मंझगंवा :-
अपने रंगीन मिजाजी के लिए चर्चा मे आए झोलाछाप कथित डॉक्टर आर.एल.विश्वकर्मा का डिस्पेंसरी मे ही रासलीला का बीडीओ संघयान मे आने पर भले ही मंझगंवा प्रशासनिक अधिकारियो की सयुंक्त टीम ने उक्त नीमहकीम की डिस्पेंसरी शील कर दी हो, लेकिन सूत्रो से मिल रही जानकारियों के मुताबिक अभी तक उक्त नीम हकीम के खिलाफ किसी प्रकार का प्रकरण पंजीबद्ध नही किया जा सका है । जानकारों की माने तो जंहा कार्यवाही के बाद से ही अधिकारी एक दूसरे पर आगे आकर कार्यवाही के लिए प्रकरण दर्ज करवाने की बात कर रहे है वही उक्त नीम हकीम खुले आम घूम-घूम कर कमाए हुए पैसो, खुद की राजनेतिक पकड़ का दंभ भर रहा है, और अंदर ही अंदर मामले को पटा-पुटू कर ठंडा करने की क़वायद में जुटा है ।
बता दें कि एक बीडीओ मे खुद की डिस्पेंसरी मे किसी युवती संग प्रेमग्रंथ का पाठ पढ़ा कामसूत्र के प्रति जिज्ञासा उत्पन्न कर रहे उक्त नीम हकीम का बीडीओ संघयान मे आते ही मंझगंवा एसडीएम एच.के.धुर्वे के निर्देशन पर दबिश देते हुए मंझगंवा तहसीलदार नितिन झोड , बीएमओ तरुणकांत त्रिपाठी व एएसआई आर.के.पांडे की सयुंक्त टीम को उक्त डिस्पेंसरी से कई तरह की आपत्तिजनक दवाएं मिली थी । जिसके उपयोग तो दूर रखने तक का अधिकार ना होने की बात जिम्मेदारों के द्वारा कही गई थी मगर जप्ती के दो सप्ताह गुजरने पर भी उक्त जिम्मेदार उक्त प्रकरण को पंजीबद्ध तक नही करा सके है जिससे अब सवाल उठने शुरू हो गए है ।
जब एक पर नही कर सके कार्यवाही तो कैसे तोडेंगे, इनका मकड़जाल ?
बता दें की उक्त कार्यवाही के बाद ही मंझगंवा एसडीएम के द्वारा ऐसे नीमहकीमों पर कड़ी कार्यवाही व सत्यापन के लिए टीम गठित कर कार्यवाही करने का आदेश जारी किया गया था । जिससे सवाल लाजमी हो गया है कि जब उक्त टीम एक नीमहकीम के सामने ही बेबस नजर आ रही है, तो नीम हकीमों का इतना बड़ा मकड़जाल भला कैसे तोड़ पाएगी ?
नोट :
ख़बर की मुक़म्मल कबर खोदने के लिए हमारी टीम लगातार मामले पर नजर रख्खे हुए है, इसलिए आप भी हमारे आगामी अंक आने तक गेती फावड़ा लेकर ऐसे नीमहकीमों से खुद को सतर्कता के साए में महफ़ूज़ रखें ।*