सरकारी रैलियों के दौरान होने वाली घटना दुर्घटना की जबाबदेही तय हो:- नारायण त्रिपाठी


               मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने एक अहम् मुद्दे   पर सरकारो का ध्यान आकृष्ट कराया है साथ ही मामले में चिंतन मंथन कर जनहित में फैसला लिए जाने की मांग की है। मैहर विधायक ने कहा कि लोग उत्साह से ओतप्रोत होकर तमाम तरह की रैलियों में हिस्सा लेने जाते और इस आने जाने के दौरान अगर उनके साथ कोई घटना दुर्घटना हो जाती है तो फिर उनके परिवार और आश्रितों की देख रेख उनकी परवरिश करने वाला कोई नहीं होता उस व्यक्ति का पूरा परिवार बिखर जाता है। बहोत से लोग ऐसे आयोजनों से आते जाते वक्त हुई दुर्घटनाओं से अंग भंग अपाहिज हो जाते है जिससे उसके और उसके परिवार जनो का भरण पोषण संकठ मय हो जाता है। अभी सरकार और प्रशासन हुई घटनाओं में आंशिक आर्थिक मदद कर अपने जिम्मेवारियों का अंत कर लेते है अब ऐसे हालात में अगर कोई व्यक्ति गंभीर रूप से घटना दुर्घटना में घायल हुआ और वह महीने दो महीने चार महीने अस्पतालों में पड़ा रह गया तो मिली आर्थिक सहायता भी ख़त्म हो जाती है ऊपर से उसे अपनी जान बचाने हेतु साहूकारों की सरण में जाकर लूटना पिटना पड़ता है और अंत में पता चलता है कि अब वह आगे भविष्य में काम करने लायक नहीं रह गया। अब ऐसे हालात में वह व्यक्ति आपने पारिवारिक जिम्मेवारियों का निर्वाह कैसे करेगा ये हम सभी के लिए बड़ा ही चिंतनीय प्रश्न है क्योकि वह व्यक्ति कोई गुनाह थोड़ी किया था वह तो किसी के बुलावे में उत्साह पूर्वक आयोजित आयोजन का हिस्सा बनने गया था। इसलिए मेरा सरकारो से आग्रह है कि अगर किसी सरकारी आयोजन के कार्यक्रम के दौरान आने जाने वक्त कोई घटना दुर्घटना घटित होती है और उस हुई घटना में जिन लोगो की मौत होती है या जो स्थाई रूप से अपाहिज हो जाते है उनके लिए सरकार प्रावधान लाये कि ऐसे लोगो के एक आश्रित को भरण पोषण की नियत से सरकारी नौकरी योग्यता अनुसार प्रदान की जायेगी। 
          मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा कि जैसा की अभी तीन दिन पूर्व रीवा में विरसा मुंडा जी का सरकारी कार्यक्रम का आयोजन था सरकारी नुमाइंदों ने गाँव गाँव जनता जनार्दन को एकत्र कर आयोजित कार्यक्रम में भीड़ का हिस्सा बनाया और कार्यक्रम के बाद वापस आते समय बस दुर्घटना ग्रस्त हो गयी जिसमे तीन लोगो की मृत्यु हो गयी और 37 से ज्यादा लोग घायल है उन घायलो में अभी एक दो स्थाई रूप से अपाहिज निकल जाएंगे। अब ऐसे हालात में जो सरकारी मदद की घोषणा हुई क्या इससे उनके परिवार जनो का भरण पोषण हो जाएगा अगर नहीं तो फिर मृतक परिवार से एक एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दिए जाने का प्रावधान तय किया जाना चाहिए क्योकि वे सभी लोग आखिर सरकार और उनके नुमाइंदों के कहने या ले जाने पर गए थे।


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