सुनियोजित तरीके से गायब कर दिया जनता का भोजन


स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही ने लगाया पलीता



विशेष रिपोर्ट। भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए राहत भरी जो जनता भोजन नाम की योजना चलाई है, उसका लाभ मुसाफिरों को रीवा रेलवे स्टेशन पर नहीं मिल पा रहा है। जबकि सफर के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचने वाले यात्री जनता भोजन की डिमांड जरुर करते हैं। इसके बाद भी रीवा रेलवे स्टेशन पर किसी भी स्टाल में यात्रियों को जनता भोजन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। स्थानीय स्तर पर रेलवे अधिकारियों के सह पर जनता भोजन को गायब करने के लिए सुनियोजित खेल किया गया है। अफसोस इस बात का है कि जनता भोजन योजना के दुश्मन बन चुके स्टाल संचालकों को रेल अमले का परस्पर सहयोग मिल रहा है।‌ रेल प्रशासन ने रेलगाड़ियों में सबसे अधिक संख्या में सफर करने वाले आम यात्रियों की सुविधा को देखते हुए जनता का भोजन नाम से योजना का श्रीगणेश कर दिया। जबलपुर रेल मंडल की हवा हवाई व्यवस्था के कारण ही जनता भोजन पर पलीता लगा दिया गया। जमीनी स्तर पर जबलपुर मंडल में तैनात वाणिज्य विभाग के अधिकारियों ने रीवा रेलवे स्टेशन पर जनता भोजन योजना को जांचने का काम नहीं किया। रीवा रेलवे स्टेशन में फिलहाल दो प्लेटफार्म संचालित हो रहे हैं। जहां पर खान पान व्यवस्था के नाम पर आठ स्टाल संचालित हो रहे हैं। इन सभी स्टालों में पैकेट बंद बिस्किट, नमकीन सहित अन्य वेरायटियो के आइटम मौजूद है पर जनता भोजन का नामोनिशान नजर नहीं आया। यात्री हित के लिए रेलवे ने जनता भोजन योजना का शंखनाद किया था। लेकिन रीवा रेलवे स्टेशन के लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की बहुतायत होने के कारण जनता भोजन योजना को कागजों में सीमित कर दिया। जिसके कारण रीवा रेलवे स्टेशन आने वाले मुसाफिरों को सस्ते दर पर भोजन की योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। हासिल जानकारी के मुताबिक रीवा रेलवे स्टेशन में इन दिनों तीन से साढ़े तीन हजार जनरल टिकट बिक रहे हैं। दूर दराज से आने वाले यात्रियों को 15 रुपए वाला जनता भोजन जबलपुर, कटनी, मैहर, शहडोल सहित अन्य रेलवे स्टेशनों में आसानी से यात्रियों को मिल रहा है लेकिन रीवा रेलवे स्टेशन की स्टालों पर एक डिब्बा जनता भोजन नजर नहीं आता है। जबकि रीवा रेलवे स्टेशन के दोनों प्लेटफार्म पर संचालित होने वाली किसी भी स्टाल में यात्रियों को जनता भोजन नसीब नहीं हो रहा है। 



शिकवा शिकायतों को किया जाता है नजर अंदाज
जनता भोजन रीवा रेलवे स्टेशन में न मिलने की वजह से आम यात्रियों को हमेशा भूख से समझौता करना पड जाता है। रीवा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक एक पर जीआरपी थाने के बगल से फूड प्लाजा संचालित होता है। सतना रेलवे स्टेशन की तर्ज पर रीवा रेलवे स्टेशन में फूड प्लाजा जब खोला गया तो सबको यह लगा कि यहां पर हर स्तर के यात्रियों की चिंता करते हुए जनता भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराएगी। लेकिन अफसोस नामचीन एजेंसी ने हजारों यात्रियों को राहत देने के लिए भोजन योजना को जिम्मेदारी के साथ लागू नहीं किया गया है। स्थानीय रेलवे स्टेशन पर तैनात किए गए आपरेटिंग, वाणिज्य विभाग, रेल सुरक्षा बल, जीआरपी पुलिस मौजूद होने के बाद भी आम यात्रियों के लिए जनता भोजन व्यवस्था को चौपट कर दिया गया है। मुसाफिरों की शिकवा शिकायतों को रीवा रेलवे स्टेशन पर दबाने का काम जिम्मेदारी के साथ किया जा रहा है। जिसके एवज में स्थानीय अधिकारियों को स्टाल के ठेकेदार एक निश्चित नजराना बराबर पहुंचाते रहते हैं।


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