उन्नाव गैंग रेप केस में लापरवाही बरतने के आरोप में सात पुलिस कर्मी निलम्बित

 



लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में गैंगरेप पीड़िता की जलने से हुई मौत के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर सात पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है. पुलिस के मुताबिक, इनका निलंबन थाना बिहार में अपने काम के प्रति लापरवाही बरतने और अपराध नियंत्रण व अभियोगों से संबंधित घटित घटनाओं के प्रति लचर रवैया अपनाने के लिए किया गया है. निलम्बन की चपेट में आने वालों में बिहार थाने के प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार त्रिपाठी, बीट के प्रभारी उपनिरीक्षक अरविन्द सिंह रघुवंशी, उपनिरीक्षक श्रीराम तिवारी, बीट आरक्षी अब्दुल वसीम, पंकज यादव, मनोज कुमार और संदीप कुमार शामिल हैं
दुष्कर्म पीड़िता ने शुक्रवार देर रात दम तोड़ दिया था, जिसके बाद गांव के बाहर रविवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. पीड़िता के परिजनों की मांग थी कि सीएम योगी आदित्यनाथ उन्नाव में रेप पीड़िता के परिजनों से आकर मुलाकात करें. जब तक वे परिजनों से मुलाकात नहीं करते तब तक बेटी का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. हालांकि नेताओं के समझाने के बात वे अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए थे. पीड़िता के पिता से घटना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मामले के सिलसिले में वह अक्सर रायबरेली जाया करती थी. ज्यादातर मैं ही उसे बस स्टेशन तक छोड़ने के लिए जाया करता था. मुझे इस बात का खेद हमेशा रहेगा कि गुरुवार के रोज मैं उसके साथ नहीं जा सका.
ऐसा कहा जा रहा है कि पीड़िता की शादी मुख्य आरोपी शिवम त्रिवेदी से अदालत में हुई थी, लेकिन सब टूट गया जब आरोपी ने ऐसा मानने से मना कर दिया. पीड़िता का घर मुख्य और अन्य आरोपियों के घर से करीब 600 मीटर की दूरी पर है. यहां भी भारी संख्या में पुलिस बलों की मौजूदगी है, लेकिन यहां कोई नहीं आ रहा है. आरोपियों के परिजनों का कहना है कि उन्हें फंसाया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में पूरा विपक्ष 17 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उन्नाव मुद्दे को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरेने की तैयारी कर रहा है. उन्नाव घटना में दुष्कर्म पीड़िता को आग लगा दी गई थी, जिससे उसकी मौत हो गई. इस साल के लोकसभा चुनाव के बाद राज्य का विपक्ष अपने को विधानसभा में एकजुट नहीं दिखा सका था, लेकिन उन्नाव की घटना एकजुटता लाती दिख रही है. समाजवादी पार्टी के एक विधायक ने कहा कि हम सरकार को कटघरे में लाने के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाएंगे. अगर अब नहीं तो कब? हमने अपने नेताओं से कह दिया है कि मतभेदों को दरकिनार करने का समय आ गया है और इस मुद्दे पर हमें जनता की भावनाओं को समझने की जरूरत है.
गौरतलब है कि पीड़िता के परिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25 लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान किया है. साथ ही सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत परिवार को एक घर और मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने का आश्वासन दिया है. वहीं उन्नाव गैंगरेप कांड को लेकर विपक्ष का जबरदस्त विरोध प्रदर्शन जारी है. विपक्ष ने यूपी में योगी सरकार की घेराबंदी की है और जल्द इंसाफ की मांग उठाई है. उन्नाव मामले में शनिवार को धरना दे रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और प्रदर्शनकारियों की दौड़ा-दौड़ाकर पिटाई की गई.


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