चीन में स्वास्थ्य अधिकारियों ने पहली बार कोरोना वायारस से ग्रस्त 44,000 से ज़्यादा लोगों के बारे में जानकारी सार्वजनिक की
Apna Lakshya News
चीन के सेंटर फ़ॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीसीडीसी) ने यह रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के अनुसार 80 फ़ीसदी से ज़्यादा मामले मामूली हैं.
आंकड़ों के मुताबिक़ बीमार और बुज़ुर्गों को इस वायरस के चपेट में आने का सबसे ज़्यादा ख़तरा है.
शोध में ये भी पता चला है कि इसका इलाज कर रहे डॉक्टरों और मेडिकल टीम के लोग को भी बहुत ख़तरा है.
चीन के वुहान शहर के एक अस्पताल के निदेशक की मंगलवार को मौत हो गई है.
51 वर्षीय ली ज़िमिंग वुहान शहर में स्थित वुचांग अस्पताल के निदेशक थे. ज़िमिंग इस वायरस से अब तक मरने वाले वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों में से एक हैं.
हुबे सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाला प्रांत है और वुहान शहर इसी प्रांत में है.
सीसीडीसी की रिपोर्ट के अनुसार हुबे प्रांत में मृत्यु दर 2.9 फ़ीसदी है जबकि पूरे चीन में मृत्यु दर 0.4 फ़ीसदी है. शोध में पता चला है कि कोरोना वायरस या कोविड-19 से मरने वालों का दर 2.3 फ़ीसदी है.
मंगलवार को जारी किए गए इस रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस से अब तक 1868 लोग मारे जा चुके हैं और 72436 लोग इसकी चपेट में हैं. चीनी अधिकारियों के अनुसार 12000 से ज़्यादा पीड़ित लोगों को अब तक बचाया जा सका है.
रिपोर्ट में और क्या जानकारी दी गई है?
सीसीडीसी ने ये रिपोर्ट सोमवार को जारी की और इसे चीनी जर्नल ऑफ़ एपिडेमिओलोजी में भी प्रकाशित किया गया. इस रिपोर्ट को बनाने के लिए 11 फ़रवरी तक वायरस से ग्रसित 44000 से ज़्यादा लोगों का अध्ययन किया गया.
इस वायरस के बारे में पहले से जो जानकारी थी, ये शोध कमोबेश उन्हीं की पुष्टि करता है.
रिपोर्ट में पाया गया कि 80.9 फ़ीसदी मामले में मामूली संक्रमण हुआ था, 13.8 फ़ीसदी में तीव्र संक्रमण है और केवल 4.7 फ़ीसदी मामले ही जानलेवा हैं. वायरस के शिकार लोगों में मरने वालों की संख्या तो कम है लेकिन 80 से ज़्यादा उम्र के लोगों में मरने वालों की संख्या बढ़ती जाती है.
अगर मर्द और औरत की बात की जाए तो मर्दों के मरने की दर 2.8 फ़ीसदी है जबकि इस वायरस की शिकार महिलाओं में मृत्यु दर 1.7 फ़ीसदी है.
रिपोर्ट में ये भी पाया गया है कि दिल के मरीज़, डायबिटीज़, सांस में परेशानी और हाइपरटेंशन के शिकार लोगों में इस वायरस के फैलने का ज़्यादा ख़तरा रहता है.
मेडिकल स्टाफ़ को ख़तरे के बारे में रिपोर्ट कहती है कि अब तक 3019 स्वास्थ्यकर्मी इसके शिकार हो चुके हैं जिनमें से 11 फ़रवरी तक 1716 मामलों की पुष्टि हो गई है
ये रिपोर्ट भविष्य के बारे में क्या बताती है?
रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस सबसे ज़्यादा 23-26 जनवरी के बीच फैला, लेकिन उसके बाद इसमें धीरे-धीरे कमी आने लगी. रिपोर्ट के अनुसार वायरस के प्रभाव में कमी आने का मतलब है कि पूरे शहर को अलग-थलग करने, मल्टीपल चैनलों पर इस वायरस के बारे में प्रचार-प्रसार करने और त्वरित कार्रवाई करने का असर हो रहा है.
लेकिन शोधकर्ता ये भी चेतावनी देते हैं कि बहुत से लोग लंबी छुट्टी से वापस लौटने वाले हैं, इसलिए इस वायरस के दोबारा तेज़ी से फ़ैलने को रोकने के लिए तैयारी करनी होगी.
क्रूज़ पर क्या हो रहा है?
चीन से निकलकर ये वायरस दुनिया के कई देशों में फैल चुका है. कम से कम दो क्रूज़ में यात्रा कर रहे लोगों के इससे संक्रमित होने की भी पुष्टि हो चुकी है.
जापान के योकोहामा बंदरगाह पर डायमंड प्रिंसेज़ नाम के एक क्रूज़ को तीन फ़रवरी से अलग रखा गया है. क्रूज़ में सवार हॉंग कॉग के एक व्यक्ति में इस वायरस की पुष्टि होने के बाद ऐसा किया गया.
इस क्रूज़ में क़रीब 3700 लोग हैं जिनमें से 450 से ज़्यादा इस वायरस से ग्रसित हो गए हैं.
मंगलवार को दक्षिण कोरिया ने भी अपने नागरिकों को बाहर निकालने का फ़ैसला किया. इससे पहले कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, इसराइल और हॉंग कॉग अपने नागरिकों को निकाल चुके हैं.
एक दूसरे जहाज़ एमएस वेस्टरडैम को एशिया के कई बंदरगाहों पर ठहरने की अनुमति नहीं दी गई. अधिकारियों को आशंका थी कि कहीं जहाज़ पर सवार लोग कोरोना वायरस के शिकार न हों.
आख़िरकार उस जहाज़ को कम्बोडिया में ठहरने की अनुमति मिली जब इस बात की पुष्टि हो गई कि जहाज़ पर सवार कोई भी व्यक्ति इस वायरस से ग्रसित नहीं हैं. जहाज़ पर से उतरने वाले लोगों का कम्बोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन ने ख़ुद स्वागत किया.
लेकिन कुछ दिनों के बाद उस जहाज़ पर मौजूद एक महिला जब मलेशिया पहुंची तो उन्हें इस वायरस से संक्रमित पाया गया. इसके बाद से उस जहाज़ पर सवार सभी यात्रियों की खोज हो रही है. कोई मलेशिया, थाईलैंड चला गया है तो कोई अमरीका और कनाडा. कई देशों ने कह दिया है कि उस जहाज़ पर सवार किसी विदेशी को वो अपने देश में घुसने की इजाज़त नहीं देंगे.
जहाज़ पर अब भी 255 यात्री और 747 क्रू मेंबर हैं और 400 से ज़्यादा यात्रियों को राजधानी के एक होटल में रखा गया है और उनके टेस्ट के नतीजे का इंतज़ार किया जा रहा है.