आपदा प्रबन्धन समिति में गरीबों को भोजन देने का जिम्मेदारी साहब को दी गई है पर साहब अपने कुछ खास मित्रो का ज्यादा ख्याल करते दिखे ये वही है जिनके ऊपर घोटालों की लम्बी लिस्ट तैयार है,
दैनिक अपना लक्ष्य
By: Nilesh Dwivedi
शहडोल : भ्रष्टाचार की चरम सीमा के सुपर हीरो डीपीसी शहडोल की कहानी कुछ इस तरह है कि शेर और बकरी एक ही घाट में पानी पी रहे हो का कहावत चरितार्थ हो रहा है कभी खिड़की ,कभी बिजली,कभी राशन तरह तरह के माँमले हैं जिन पर इनकी काली छाया इनके सफेद ऊपरी छवि को पाकसाफ दिखाने की कोशिश करते हैं
क्या कहते हैं इनके कारनामे
कभी बिजली की दुकान से खिड़की-दरवाजा खरीदने का बिल भुगतान करने पर तत्कालीन कलेक्टर , मुकेश शुक्ला ने हर आदेश,नोटशीट में लिखा कि डीपीसी नियमानुसार भंडार क्रय नियमो का करे पालन तब करे राशि खर्च। लेकिन डीपीसी ने मनमानी करते हुए खरीदी कार्य किया और खुद बनवाए फर्जी बिल और किया भुगतान
भठिया मॉडल स्कूल में डी एम एफ सप्लाई का पहला बिल
बिल की राशि- 145000.00
विक्रेता- स्टार लाइट ,जी डी काम्प्लेक्स बुढार
टिन न.23619162068
डीलर है-बल्ब ट्यूब लाइट बिजली समान का जबकि बिल भुगतान हुआ है लोहे के खिड़की और दरवाजे का जिसका न तो वह काम करता है और न ही उसका पंजीयन है बिल न.793 दिनांक की जगह है खाली स्थान बिल पास करने की इतनी जल्दबाजी थी की बिना दिनांक के अधूरे बिल को पारित कर चेक जारी कर दिया यहां भी फेरे नजर,भठिया मॉडल स्कूल घोटाला 50 लाख, चापा मॉडल स्कूलघोटाला 11 लाख,माध्यमिक शालाओ में समान सप्लाई 50 लाख, कस्तूरबा एवं बालिका छात्रावास में समान सप्लाई 40 लाख, आरएसटी घोटाला 280 लाख एवं अन्य करोड़ो के घोटाले किए है । 2015 में 8 सहायक वार्डनों की फर्जी भर्ती तथा अन्य भी बहुत कुछ किया है इन्होंने किन्तु जांच के पन्ने और कागज डीपीसी कार्यालय से लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय के इर्द गिर्द घूमता रहता है