होशंगाबाद जिले मे महुआ फूल बना ग्रामीणो के लिए पीला सोना, खुशहाल हुए आदिवासी परिवार

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💥होशंगाबाद जिले मे महुआ फूल बना ग्रामीणो के लिए पीला सोना, खुशहाल हुए आदिवासी परिवार                                         


💥 किसी ग्रामीण को मिले  70  हजार तो किसी को मिले  35 हजार  


💥वन विभाग से पंजीकृत व्यापारी बनवारी राठौर खरीद रहे समर्थन मूल्य  35 प्रति किलो की दर से महुआ                                     


💥आदिवासी सरस्वती बाई ने 10  किवंटल आदिवासी मुन्नीलाल ने कमाये  70 हजार रुपए


               होशंगाबाद। मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले मे वनोपज महुआ फूल की अधिक मात्रा मे पैदावार होने के कारण यह महुआ फूल इस समय ग्रामीणो के लिए   किसी पीले सोने से कम नजर नही आ रहा है । कोरोना कोविड 19 के संक्रमण के चलते जहा देश मे लाॅकडाउन घोषित है वही जंगलो मे के ग्रामीण क्षेत्रो मे सन्नाटा पसरा हुआ है । इन क्षेत्रो मे रहने वाले वनोपज के सहारे अपना जीवनबसर करने वाले आदिवासी ग्रामीणो के चेहरो पर उस समय मुस्कान देखी गई जब उनके द्वारा संग्रहण किये गये महुआ फूल के विक्रय से उनके पास हजारो रूपये आये। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशानुसार जंगल क्षेत्रो मे रहने वाले ग्रामीणो को बिचौलियो से मुक्त कराकर उन्हे उनकी वनोपज  व उनकी मेहनत का वास्तविक लाभ दिलाना है मुख्यमंत्री की इसी मंशा को साकार करते हुए  होशंगाबाद सामान्य वनमडंल के डीएफओ अजय कुमार पांडे ने बिचौलिए व अवैध महुआ खरीददारो पर नकेल कसी और पंजीकृत व्यापारीयो को महुआ खरीदी के लिए ग्रामीण क्षेत्रो मे जाने की अनुमति दी ।



मध्यप्रदेश का होशंगाबाद एकमात्र ऐसा जिला है जहा पर पहली बार ऐसे व्यापारीयो व बिचौलियो पर वन विभाग ने कारवाई की है।जो ना तो वन विभाग से पंजीकृत थे, और जो सीधे ग्रामो मे जाकर औने-पौने दामो मे ग्रामीणो से अवैध रूप से महुआ खरीदी कर  रहे थे।जब इन लोगो पर डीएफ ओ अजय कुमार पांडे के मार्गदर्शन मे वन विभाग ने कारवाई की तो इनमे हड़कंप मच गया ।वही वन विभाग से पंजीकृत डेढ सौ के करीबन व्यापारीयो को जिले के तीन से चार सैकड़ा ग्रामो मे महुआ खरीदी की अनुमति राज्य जैव विविधता बोर्ड के अधिनियम व शासकीय नियमानुसार दी गई ।


जिसके सार्थक परिणाम भी अब इन वनग्रामो मे जमीनी स्तर पर  दिखाई दे रहे है ।व्यापारियो ने वन विभाग के द्वारा दिये गये ग्रामो की सूची के अनुसार महुआ खरीदी शासकीय दर 35 रूपये प्रति किलो से अधिक 36-38 रूपये  के हिसाब से करना शुरू कर दिया है ।गौरतलब रहे कि अब वनग्रामो के ग्रामीण पूरी तरह से बिचौलिए से मुक्त होकर इन व्यापारीयो को अपनी वनोपज बेच रहे है ।केसला विकासखंड के ग्राम 28 ग्राम पंचायत पिपरिया कला की ग्रामीण महिला सरस्वती बाई ने 10 किवंटल महुआ फूल केसला के व्यापारी वनवारी राठौर को बेचकर घर बैठे 35 हजार रूपए नगद कमाये ।



वही ताकू के ग्राम राजा मर्यायारपुरा के ग्रामीण मुन्नीलाल पिता कोदूलाल ने 20 किवंटल महुआ फूल बेचकर घर बैठे 70 हजार रुपए नगद कमाये  इसी गांव के फूलचंद पिता बुधराम ने 12 किवंटल महुआ फूल बेचकर घर बैठे 42 हजार रुपए नगद कमाये । शनिराम पिता कोदूलाल ने साढे तेरह किवंटल महुआ फूल बेचकर घर बैठे  45 हजार रुपए कमाये । इसी गांव के रमेश पिता कोदूलाल ने 12 किवंटल महुआ फूल बेचकर 42 हजार रुपए नगद कमाये ।


आपको बता दे कि यह सब होशंगाबाद के डीएफओ अजय कुमार पांडे की बेहतर सोच और इन ग्रामीणो के प्रति कर्मठता के कारण संभव हो सका है । सबसे बड़ी बात तो यह है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि वनोपज खरीदने वाले व्यापारी इन ग्रामीणो के द्वार पर तौल कांटे लेकर पहुचे है और उन्हे मौके पर ही नगद भुगतान कर उनकी वनोपज महुआ फूल की खरीदी कर रहे है । घर बैठे हजारो रूपये नगद पाकर इन ग्रामीणो के चेहरो पर खुशिया झलक आई ,महुआ फूल उनके लिए पीला सोना जैसा बन गया।


तत्सबंध मे डीएफओ अजय कुमार पांडे का कहना है कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप ग्रामीणो को उनकी वनोपज का   वास्तविक लाभ दिलाने वे  प्रतिबध्द है व्यापारी शासकीय दर या अधिक पर ग्रामीणो से महुआ फूल खरीदी कर रहे है और उनको  नगद भुगतान मौके पर ही कर रहे है। ज्ञात रहे कि ग्रामीणो को अब अपनी वनोपज महुआ फूल बेचने  व्यापारीयो के पास नही जाना पड रहा है व्यापारी स्वयं उन ग्रामीणो के द्वार पर गांव-गांव पहुंच रहे है । महुआ फूल ने इन ग्रामीणो की जिदंगी मे खुशहाली बिखेर दी है ।


गौरतलब रहे कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देशवासियो को आत्मनिर्भर भारत का नारा दे रहे है उनका यह नारा होशंगाबाद के वनग्रामो मे सार्थक होता दिखाई दे रहा है जहा पर ग्रामीण जंगल से एकत्र वनोपज से हजारो लाखो रूपये कमाकर आत्मनिर्भर बनने प्रयासरत है । बहरहाल होशंगाबाद जिले मे वन विभाग के अधीनस्थ आने वाले गावों मे महुआ फूल ने पीला सोना बनकर ग्रामीणो की जिदंगी मे खुशहाली बिखेर दी है ।


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